नई दिल्ली(ईएमएस)। ठंड के दौरान खुले में निकलने पर मुंह से स्वांस लेने पर स्वांस नली में सूजन आने की आशंका रहती है। इसके अलावा फेफड़ों को ऑक्सीजन हासिल करने के लिए भी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। बताया गया कि बेहद कम तापमान में वॉक के समय सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। एक स्टडी में बताया गया कि वॉक के दौरान मुंह की बजाय नाक से स्वांस लेना स्वास्थ्य के लिए ज्यादा लाभकारी होता है। क्योंकि ठंड के मौसम में हवा काफी शुष्क होती है और तापमान बेहद कम होता है। ऐसे में मुंह से स्वांस लेने में ठंडक ज्यादा तेजी से शरीर के अंदर प्रवेश करती है और स्वांस नलिकाओं समेत ग्रंथियों को ठंडा करती है। जानकार बताते हैं कि नाक से स्वांस लेने में ठंड हवा नाक से प्रवेश करते ही गर्म और शुद्ध हो जाती है, जिससे स्वांस नलियों में सूजन की समस्या नहीं होती है और फेफड़े आसानी से पंप होते रहते हैं। इसलिए ज्यादा ठंड में वॉक के समय मुंह की बजाय नाक से ज्यादा स्वांस लेना चाहिए।
मुंह से स्वांस लेने में ठंडक ज्यादा तेजी से शरीर के अंदर प्रवेश करती है और स्वांस नलिकाओं समेत ग्रंथियों को ठंडा करती है।
